Friday, 24 July 2015

Bgk
 चूम लेना उसकी हथेलियाँ
किसी आग़ाज़ से पहले,
सुना है माँ हथेली में
दुआऐं रखती है...
तेरे हर सफ़र में
सरगोशी होगी रहमतों की,
सुना है माँ लबों पे
सदायें रखती है...
उसे बताते ही ज़ख्मों का
दर्द काफ़ूर हो जायेगा,
सुना है अपनी फूंक में वो
ठण्डी हवायें रखती है...
गौर कर तू गुनहगार
होकर भी मासूम है,
सुना है अपनी नेकी देकर
वो खतायें रखती है...
कभी सोचा क्यूँ तेरे रास्ते
कोई आफ़त नहीं आती?
सुना है अपनी नज़र में वो
चारो दिशायें रखती है...
डर मत तुझे
बुरी नज़र नहीं लगेगी,
सुना है तुझसे दूर वो
सारी बलायें रखती है....
तू अकेला है सफ़र पे
कैसे मान लिया तूने?
सुना है ख़ुदा की जगह वो
तुझपे निगाहें रखती है...
सुना है माँ हथेली में दुआऐं रखती
है...!! $.D

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