Monday, 15 June 2015

bgk 14 Really

bgk12 $.D नमक के कितने भी बोरे पड़े रहे,
एक चीटी भी नहीं लगती,
और शक्कर की एक डली भी रखी हो तो
हजारो आ जाती है,
ऐसे ही जिस व्यक्ति के स्वभाव में मधुरता होगी,
वहां लोग स्वयं ही पहुँच जायेगें,
और यदि नमक जैसा खारा बने रहोगे,
तो कितना भी बुलाना,
कोई भी आना पसन्द नहीं करेगा !!
जो मधुरता भोजन में नहीं होती,
वो मधुरता वाणी में होती है !!..🌹🌹🙏

bgk13 $.D
जिदंगी में कभी किसी बुरे दिन
से रूबरू हो जाओ
तो इतना हौंसला जरुर
रखना...
की दिन बुरा था
जिंदगी नहीं..... शुभ संध्या दोस्तों
       ✌💐💐💐💐👍
:

Bgk14 $.D
 ईश्वर "टूटी" हुज़ों का इस्तेमाल कितनी ख़ूबसूरती से करता है ..,,

जेसे ....

बादल टूटने पर पानी की फुहार आती है ......
मिट्टी टूटने पर खेत का रुप ले लेती है ....
पौधा टूटने पर बीज अंकुरित हो जाता है .....
और बीज टूटने पर एक नये पौधे की संरचना होती है ....

ईसीलिये जब आप ख़ुद के अंदर कोई टूटन महसूस करे तो समझ लिजीये ईश्वर आपका इस्तेमाल किसी बड़ी उपयोगिता के लिये प्रयासरत है।..

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