Wednesday, 17 June 2015

29 zindgi ka ek he usul

Bgk29

कोई नही देगा साथ तेरा यहॉं,
हर कोई यहॉं खुद ही में मशगुल है
जिंदगी का बस एक ही ऊसुल है..!!

तुझे गिरना भी खुद है,
और सम्हलना भी खुद है..!!

तू छोड़ दे कोशिशें,
इन्सानों को पहचानने की…!!

यहाँ जरुरतों के हिसाब से,
सब बदलते नकाब हैं…!!

अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर,
हर शख़्स कहता है, “ज़माना बड़ा ख़राब है” $.D

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