🙏🙏🙏🙏🙏🙏
"""विनम्र अपील"""
➡क्या छत्तीसगढ़ के पढ़े लिखे लोगो को मौका न देकर बाहर के लोगो को मौका देना सही है ?
➡क्या छत्तीसगढ़ के युवक-युवतियां इतने कमजोर है कि यहाँ के लोगों को शिक्षाकर्मी भर्ती में मौका ना देकर सीधे बाहर राज्य के लोगों को सरकार भर्ती करने वाली है,
➡अब तक सरकार कह रही थी कि शिक्षाकर्मी अतिशेष है यह कहकर सरकार कई स्कूलो को बंद कर रही है व एक ऒर अन्य राज्य के लोगो को मौका देने के लिए शिक्षाकर्मी का भर्ती कर सरकार ने यह स्पष्ठ कर दिया है कि छत्तीसगढ़ में प्रजातंत्र नहीं बल्कि राजतंत्र है सरकार अपनी मनमानी करती जा रही है और हम सब आँख पर पट्टी बांध कर बैठे हुए है,
➡हाल ही में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पी.एस.सी.) द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा का तिथि अचानक आगे बढ़ा दिया गया क्योकि मध्यप्रदेश में भी पी.एस.सी. की परीक्षा होनी थी साथ ही पुनः फार्म भरने का मौका भी दिया गया जिससे अन्य राज्य के लोगों को छत्तीसगढ़ पी.एस.सी. में आवेदन कर उनको परीक्षा की तैयारी करने का मौका मिल सके,
➡बल्कि छत्तीसगढ़ के ज्यादातर अभ्यर्थी ने मध्यप्रदेश पी.एस.सी. में आवेदन इसलिए नहीं किये थे क्योकि वहां की परीक्षा छत्तीससगढ़ पी.एस.सी.की पूर्व निर्धारीत तिथि के 2 दिन पूर्व होने वाली थी जो की यहाँ की परीक्षा तिथि आगे बढ़ जाने से मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्य के लोगो को मौका दिया जा रहा है,
➡और अब तो सरकार ने हद कर दी स्पस्ट तौर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को केबिनेट ने यह फैसला सुनाया की "शिक्षाकर्मी,डॉक्टरो,नर्सो,लैब तकनीकी सहायको के पद को आउट सोर्सिंग अर्थात अन्य राज्यो के लोगों को मौका दिया जायेगा,
➡"सरकार ने छत्तीसगढ़ के पढ़े लिखे बेरोजगार युवक युवतियों का गन्दा मजाक उड़ाया है जिसका विरोध किया जाना आवश्यक है" अतः आप सब से 🙏 विनम्र अपील है की इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुचाकर एक क्रन्तिकारी पहल करे जिससे सरकार अपने द्वारा लिए गए फैसले को संशोधित कर छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवक युवतियों को इन पदों पर भर्ती करे |$. D
"""विनम्र अपील"""
➡क्या छत्तीसगढ़ के पढ़े लिखे लोगो को मौका न देकर बाहर के लोगो को मौका देना सही है ?
➡क्या छत्तीसगढ़ के युवक-युवतियां इतने कमजोर है कि यहाँ के लोगों को शिक्षाकर्मी भर्ती में मौका ना देकर सीधे बाहर राज्य के लोगों को सरकार भर्ती करने वाली है,
➡अब तक सरकार कह रही थी कि शिक्षाकर्मी अतिशेष है यह कहकर सरकार कई स्कूलो को बंद कर रही है व एक ऒर अन्य राज्य के लोगो को मौका देने के लिए शिक्षाकर्मी का भर्ती कर सरकार ने यह स्पष्ठ कर दिया है कि छत्तीसगढ़ में प्रजातंत्र नहीं बल्कि राजतंत्र है सरकार अपनी मनमानी करती जा रही है और हम सब आँख पर पट्टी बांध कर बैठे हुए है,
➡हाल ही में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पी.एस.सी.) द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा का तिथि अचानक आगे बढ़ा दिया गया क्योकि मध्यप्रदेश में भी पी.एस.सी. की परीक्षा होनी थी साथ ही पुनः फार्म भरने का मौका भी दिया गया जिससे अन्य राज्य के लोगों को छत्तीसगढ़ पी.एस.सी. में आवेदन कर उनको परीक्षा की तैयारी करने का मौका मिल सके,
➡बल्कि छत्तीसगढ़ के ज्यादातर अभ्यर्थी ने मध्यप्रदेश पी.एस.सी. में आवेदन इसलिए नहीं किये थे क्योकि वहां की परीक्षा छत्तीससगढ़ पी.एस.सी.की पूर्व निर्धारीत तिथि के 2 दिन पूर्व होने वाली थी जो की यहाँ की परीक्षा तिथि आगे बढ़ जाने से मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्य के लोगो को मौका दिया जा रहा है,
➡और अब तो सरकार ने हद कर दी स्पस्ट तौर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को केबिनेट ने यह फैसला सुनाया की "शिक्षाकर्मी,डॉक्टरो,नर्सो,लैब तकनीकी सहायको के पद को आउट सोर्सिंग अर्थात अन्य राज्यो के लोगों को मौका दिया जायेगा,
➡"सरकार ने छत्तीसगढ़ के पढ़े लिखे बेरोजगार युवक युवतियों का गन्दा मजाक उड़ाया है जिसका विरोध किया जाना आवश्यक है" अतः आप सब से 🙏 विनम्र अपील है की इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुचाकर एक क्रन्तिकारी पहल करे जिससे सरकार अपने द्वारा लिए गए फैसले को संशोधित कर छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवक युवतियों को इन पदों पर भर्ती करे |$. D